Ustad Rashid Khan Death: भारतीय शास्त्रीय संगीत के मशहूर गायक उस्ताद राशिद खान का 55 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे। उन्होंने कोलकाता में आखिरी सांस ली। उनके निधन से संगीत क्षेत्र को बड़ा नुकसान हुआ है। इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। वहीं उनके निधन से म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक की लहर है।
उस्ताद राशिद खान एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीत गायक थे। वे रामपुर-सहसवान घराने से तालुक रखते हैं। वे इस घराने के संस्थापक इनायत हुसैन खान के पोते हैं। उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की विभिन्न शैलियों में अपनी गायकी का प्रदर्शन किया। उन्हें संगीत के क्षेत्र में कई सम्मानों से नवाजा गया है, इसमें पद्म श्री और पद्म भूषण भी शामिल हैं। बता दें कि रामपुर-सहसवान घराने शास्त्रीय संगीत की शैली है, जो मध्यम-धीमी गति, एक पूर्ण गले की आवाज और जटिल ताल वाली संगीत से जुड़ी हुई है।
राशिद खान का जन्म 1 जुलाई 1966 को उत्तर प्रदेश के सहसवान में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा अपने मामा निसार हुसैन खान से प्रारंभ की थी। उन्होंने अपनी पहली कॉन्सर्ट 11 साल की उम्र में दी थी। साथ ही 1978 में एक ITC कॉन्सर्ट में भी वे उपस्थित हुए थे। उन्होंने अपनी शिक्षा निसार हुसैन खान के साथ जारी रखते हुए संगीत के क्षेत्र में करियर बनाया।
उनके प्रमुख रागों में राग दरबारी कनड़, राग भैरवी, राग चारुकेशी, राग बिहाग, राग श्याम कल्याण हैं। राग दरबारी कनड़ एक शांत राग है और शाम के समय गाया जाता है। राग भैरवी एक अधिक उत्तेजक राग है। यह भी शाम के समय गाया जाता है। राग चारुकेशी भी एक शांत राग है, जो सुबह के समय गाया जाता है। राग बिहाग एक उत्तेजक राग है, जो सुबह के समय गाया जाता है। राग श्याम कल्याण एक शांत राग है, जो शाम के समय गाया जाता है।